Friday, January 9, 2009

मधुमेह : चिकित्सा और परहेज

5. मेथीदाना 500 ग्राम, धो-साफकर, 12 घण्टे तक पानी में भिगोकर रखें। बीज फूल जाएँगे। इन्हें पानी से निकाल कर सुखा लें और कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें। सुबह-शाम 1-1 चम्मच चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह रोग में लाभ होता है।

6. एक प्रयोग बनी-बनाई आयुर्वेदिक औषधियों के मिश्रण से तैयार करने वाला भी प्रस्तुत कर रहे हैं। आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता की दुकान से वसन्तकुसुमाकर रस या शिलाजत्वादि वटी (अम्बरयुक्त) और प्रमेहगज केसरी वटी की शीशी ले आएं। दोनों की 1-1 गोली सुबह-शाम दूध के साथ लें। इसके साथ मधुमेह दमन का चूर्ण भी सेवन करने से विशेष और शीघ्र लाभ होता है।

स्वयं इन नियमों का पालन करे- मधुमेह के रोगी को अपने डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही आहार लेना चाहिए। यह भी कहना उचित होगा कि रोगी पथ्य आहार का सेवन करता रहे तो रोग को नियंत्रण में रखना ज्यादा सरल होगा और चिकित्सा सफल हो सकेगी। रोगी को आहार ही नहीं, बल्कि विहार यानी रहन-सहन को भी नियमित और नियंत्रित करना होगा। इस हेतु निम्नलिखित प्रयोग उचित होंगे-

* प्रातः घूमने जाएं, लौटने के बाद घर में जमाया हुआ दही, थोड़ा सा पानी और जीरा, नमक मिलाकर पिएं। चाय-दूध न लें। दही की मात्रा अपनी इच्छा के अनुसार जितनी चाहें उतनी ले सकते हैं। दही के मामले में कुछ सावधानियां रखनी होंगी। एक तो दही रात में घर में ही जमाया हुआ हो, मलाईरहित दूध से जमाया हुआ हो, बाजार से लाया हुआ न हो। दूसरे, दही अलग एक पात्र में उतना ही जमाएं जितना खा सकें। तीसरे, दही को जब तक खाएं न, तब तक जमा रहने दें, काटें नहीं, क्योंकि जमा हुआ दही काटने के बाद खट्टा होना शुरू हो जाता है जो कि हानिकारक होता है, इसलिए बाजार से दही लाने को मना किया गया है।

* मेथी दाने का पानी, 'जाम्बुलिन', मूंग-मोठ आदि का प्रयोग कर सकते हैं। यह पूरा प्रयोग प्रातः 7 बजे से पहले कर लेना चाहिए ताकि 3-4 घण्टे बाद भोजन कर सकें।

* भोजन में जौ-चने के आटे की रोटी, हरी शाक सब्जी, सलाद और छाछ का सेवन करें। छाछ भोजन करते हुए घूंट-घूंट करके पीते रहें। भोजन के बाद एक सेवफल खा लिया करें। जौ व चने का आटा तैयार करने के लिए पांच किलो साफ किया हुआ जौ और एक किलो देसी चना मिलाकर पिसवा लें। यह आटा खत्म हो जाए तब 4 किलो जौ और 2 किलो चना मिलाएं। इसी प्रकार जौ की मात्रा कम और चने की मात्रा ज्यादा करते हुए जौ और चने की मात्रा बराबर कर लें फिर दोनो को बराबर वजन में यानी 3-3 किलो मिलाकर पिसवा लें। इस आटे की रोटी स्वादिष्ट भी होती है और शक्ति स्फूर्तिदायक भी, साथ ही साथ वजन घटाने में भी सहायक सिद्ध होती है।

* शाम का भोजन 7 बजे तक हर हालत में कर लिया करें। मधुमेह के रोगी को निश्चित समय पर ही भोजन करने का पूरा-पूरा ध्यान रखना चाहिए। भोजन में मीठे पदार्थ, शकर, मीठे फल, मीठी चाय, मीठे पेय, मीठा दूध, चावल, आलू, तले पदार्थों आदि का सेवन कर देना चाहिए। शकर की जगह सेकरीन की गोली का प्रयोग करके खाद्य या पेय पदार्थ को मीठा कर सकते हैं। आहार में वसा, प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेटयुक्त पदार्थो का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए- जैसे दूध, घी, तेल, फल, सूखे मेवे, अनाज, दाल आदि। मांसाहार और शराब का सेवन कतई नहीं करना चाहिए।

* रेशायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा मात्रा में करना चाहिए जैसे शाक सब्जी, आटे का चोकर, मौसमी फल, अंकुरित अन्न, अखण्ड दालें आदि।

* दिनचर्या में तेल मालिश, वायु सेवन हेतु सूर्योदय से पहले घूमने के लिए जाना, योगासन करना या कोई व्यायाम करना, दिन में चल-फिरकर करना हितकारी रहता है। योगासनों में सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, शलभासन, योग मुद्रा, धनुरासन, सर्वागासन, पश्चिमोत्तानासन और अन्त में शवासन करना चाहिए। भोजन के बाद थोड़ी देर वज्रासन में बैठना चाहिए। योगासन या व्यावाम का अभ्यास अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए उससे ज्यादा मात्रा में नहीं।

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